Right To health Bill Rajasthan 2022 जिस बिल का डॉक्टर कर रहे विरोध उसे 10 प्वॉइंट्स में समझिए. Right To health Bill Rajasthan 2022. दोस्तों आप ने राइट टू हेल्थ बिल-2022 के बारे में सुना ही होगा और यदि आपने इसके बारे में नहीं सुना है तो हम आपको यहां पर पूरी जानकारी इसके बारे में देने जा रहे हैं. तो आपको बता दें कि राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल-2022 सदन में पास हो गया है. और गजट नोटिफिकेशन पूरा होते ही ये बिल कानून बन जाएगा. इसके अतिरिक्त इस बिल को लेकर प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों के डॉक्टर विरोध कर रहे हैं. लेकिन आखिर क्यों तो चलिए हम आपको यहां पर बताते हैं. वैसे उनका तर्क है कि ये बिल पूरी तरह से अतार्किक है. इसमें डॉक्टरों और अस्पताल के हित को नजरअंदाज किया गया है.और यह भी बोला जा रहा है कि मरीजों को फ्री इलाज देंगे तो अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर, डॉक्टरों और स्टाफ की सैलरी कहां से आएगी.

Right To health Bill Rajasthan 2022: बिल में आखिर क्या है?
Right To health Bill Rajasthan 2022. राइट टू हेल्थ बिल Right To health Bill Rajasthan 2022 के जरिए सरकार ने राजस्थान के निवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार दिया है. इन अधिकारों में आपात स्थिति में इलाज के अधिकार से लेकर किसी भी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज के अधिकारों को बताया गया है. तो आइए जानते हैं Right To health Bill Rajasthan 2022 के बारे मे यहां 10 प्वाइंट में पूरी तरह से :-
1-राज्य को मरीज की रोग की प्रकृति, कारण, प्रस्तावित जांच, उपचार और उसका अनुमानित रिजल्ट, अनुमानति खर्चे और कॉप्लिकेशंस के बारे में बताना होगा.
2- आपात परिस्थितियों में इलाज से पहले फीस का बिना भुगतान किए निजी अस्पताल हो सरकारी इलाज करना होगा. इसमें दुर्घटना के अलावा संर्प देश, जानवर के काटने (कुत्ते वगैरह के काटने), आपात प्रसूति उपचार शामिल है. दुर्घटना में सड़क, जल, वायु और रेल दुर्घटना शामिल हैं.
3- उपचार के दौरान मरीज दवाएं कहां से लेगा और जांच कहां से कराएगा इसकी छूट उसे देनी होगी.
4- यदि आपात स्थिति में उपचार या किसी दूसरे अस्पताल में रेफर होने के बाद मरीज या उसके परिजन उचित फीस नहीं दे पाते हैं तो वो अस्पताल राज्य सरकार से तय नियमों के तहत पैसे लेने का हकदार होगा.
5- रोगी को उसकी डिटेल, जांच रिपोर्ट, डिटेल बिल की पूरी जानकारी देनी होगी.
6- उपचार के दौरान जो भी सेवाएं दी जा रही हैं उसके रेट की जानकारी मरीज को देनी होगी..
7- किसी भी पुरूष डॉक्टर के द्वारा किसी महिला की जांच के समय एक महिला सहयोगी की मौजूद होना जरूरी है.
8-मरीज के उपचार के दौरान जांच, ऑपरेशन या कीमोथैरेपी से पूर्व उसकी सहमति लेना जरूरी है.
9- यदि कोई कानूनी मामला है तो डॉक्टर या अस्पताल केवल इस बात से इलाज में देरी नहीं कर सकता कि पुलिस का नो ऑब्जेक्शन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुआ है.
10– मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन होगा
Right To health Bill Rajasthan 2022 के लिए डॉक्टर्स के के तर्क जानिए क्या है.
Right To health Bill Rajasthan 2022. तो आगे दोस्तों आईएमए का कहना है कि जब तक सरकार की ऐसी योजनाएं नहीं चलती थीं, तब तक सरकारी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज होता था. वहीं, अब सरकार प्राइवेट अस्पताल से मुफ्त इलाज करने की उम्मीद करते हैं और ये नाइंसाफी है. वहीं आईएमए ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुये कहा है कि सरकार अपनी योजनाएं बना रही हैं और बिना पूछे ही निजी अस्पतालों पर थोप रही है, जो कि उचित नहीं है और वे इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर डॉक्टर Right To health Bill Rajasthan 2022 बिल को ब्यूरोक्रेसी की चाल बता रहे हैं. और सरकार इसे डॉक्टरों की मनमानी पर नकेल कसने वाला और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने वाला बिल बता रही है. दोनों ही अपनी बात को सही ठहरा रहे हैं. लेकिन अब देखना यह है कि किसकी बात सटीक बैठेगी.
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